राहगीरों पर कुत्तों के हमले, लगातार बढ़ती जा रही है आवारा कुत्तों की संख्या

मुंबई, महानगर मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई जगहों पर इन कुत्तों को आक्रामक होकर राहगीरों पर हमले करते देखा गया है। इस संदर्भ में कई लोगों ने मनपा को शिकायत भी की है। जिसे देखते हुए मनपा ने अब एक अहम पैâसला लिया है। मनपा ने इसी महीने से शहर में आवारा कुत्तों की आबादी निर्धारित करने के लिए एक सर्वेक्षण करने का पैâसला किया है, ताकि एक डेटाबेस तैयार किया जा सके और इस तरह आवारा कुत्तों के जन्म नियंत्रण रणनीतियों पर काम हो सके।
मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या वर्ष २०१४ में ही ९७ हजार तक थी। वर्ष २०१७ में यह बढ़कर लगभग एक लाख ३० हजार हो गई। उधर कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम भी शुरू था। मनपा ने दावा किया है कि वर्ष २०१७ से अब तक १.१२ लाख कुत्तों की नसबंदी की गई है, जबकि वर्ष २०२० में कोरोना के चलते इसे रोक दिया गया था। तबसे लेकर अब तक आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम बहुत धीमी गति से हुआ है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आवारा कुत्तों की संख्या पिछले ४ वर्षों में चार गुना बढ़ गई है।
पशु प्रेमी कार्यकर्ताओं ने मनपा के नसबंदी कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी उचित नहीं है। पशु प्रेमियों की मांग है कि आवारा कुत्तों की आबादी की गणना में पशु प्रेमियों को भी शामिल किया जाए। मनपा ने १९९४ में आवारा पशुओं के लिए पशु जन्म नियंत्रण अभियान शुरू किया था। २०१४ में पहली बार आवारा कुत्तों का सर्वेक्षण किया गया था। वर्ष २०१४ में किए गए सर्वेक्षण में करीब ९७,००० आवारा कुत्ते पाए गए थे। लेकिन मनपा जन्म नियंत्रण अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रही है और आवारा कुत्तों की संख्या अब लगभग चार गुना हो गई है।
आवारा कुत्तों के लिए जन्म नियंत्रण की रणनीति एवं योजना बनाने के लिए मनपा ने एक सर्वेक्षण का पैâसला लिया है। इसके लिए हाल ही में निविदा आमंत्रित की गई है। इसके बाद मनपा में नियुक्त ठेकेदार के लोग सभी २४ प्रशासनिक वार्डों में सर्वेक्षण करेंगे।