हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना!, अवैध निर्माणों का अड्डा बना मुंब्रा

ठाणे : ठाणे महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले मुंब्रा परिसर में हाई कोर्ट के आदेशों की जमकर अवहेलना होता नजर आ रहा है। यहाँ पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है। जिससे अब यह इसका हब बनता जा रहा है। इन अवैध निर्माणों पर महानगरपालिका के मुंब्रा प्रभाग के सहायक आयुक्त सागर सालुंखे द्वारा कार्रवाई न किये जाने से अब यहाँ के लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लेकिन का कहना है कि अवैध निर्माण के बढ़ने से उन्हें मुलभुत सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि हाल में मुंबई हाई कोर्ट ने मुंब्रा में नौ अवैध खतरनाक इमारतों के खिलाफ अदालत ने सुनवाई करते हुए ऐसे अवैध को संरक्षण देने से इंकार करते हुए कार्रवाई पर रोक लगाने की याचिका को ख़ारिज कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को हुई सुनवाई में पीठ ने ठाणे महानगरपालिका के सहायक आयुक्त को मुंब्रा में इन इमारतों के आसपास के अन्य अनधिकृत भवनों के बारे में जानकारी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि ऐसे अवैध इमारतों की पहचान की जानी चाहिए और नोटिस चस्पा किया जाना चाहिए कि ये भवन न्यायिक जनहित याचिका के अधीन हैं, ताकि इच्छुक निवासी अदालत में शिकायत दर्ज करा सकें।
वहीं दूसरी ओर, महानगरपालिका द्वारा मिले एक अपुष्ट आकंड़े के अनुसार मुंब्रा प्रभाग समिति की सीमा में आने वाले कई परिसरों में करीब दर्जन भर से भी अनाधिकृत निर्माणों की सूची सामने आई है। जिसमें मुंब्रा के सेक्टर 9 मौजे कौसा डीपी रोड पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह मनोरंजन के आरक्षित खुली जगह पर इसी तरह का अवैध निर्माण किया जा रहा है। साथ ही प्राथमिक विद्यालयों के लिए महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 37 का संशोधन करने के संबंध में ठाणे महानगरपालिका द्वारा बिना प्राधिकार के आरक्षण भूखंड पर प्रस्तावित परिवर्तन कर अवैध निर्माण बनाया जा रहा है। अतिक्रमण विभाग के आदेशों का भी नहीं हो रहा पालन महानगरपालिका द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ठाणे महानगरपालिका के अतिक्रमण विभाग के पास शिकायत आने के बाद विभाग ने पत्र द्वारा मुंब्रा के सहायक आयुक्त सागर सालुंखे को पत्र भेजा कर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं किये जाने से सलुखें के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा होने लगा है।