कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या, भारी बारिश के कारण फसल हुई थी बर्बाद

नागपुर, जिले में एक किसान ने कर्ज में डूबने के बाद आत्महत्या की. इस किसान ने भारी बारिश के कारण फसल खराब होने के बाद कर्ज की वजह से यह कदम उठाया. पुलिस ने इस मामले की जानकारी दी है. नागपुर जिले में किसान द्वारा आत्महत्या करने का यह पांचवा मामला है. इस घटना को लेकर जलालखेड़ा थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक मनोज चौधरी ने पीटीआईको बताया कि सोमवार को नरखेड़ तहसील के पिंपलदरा गांव निवासी किसान राजीव बाबूराव जुडपे अपने खेत में रस्सी से पेड़ से लटके मिले.
पुलिस ने बताया कि मृतक किसान के पास 2.5 एकड़ जमीन थी और उसने बैंक से भी कर्ज लिया हुआ था. जूडपे के बेटे ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि भारी बारिश के कारण उसकी फसल खराब होने के बाद से वह काफी उदास था. वहीं इस मामले को लेकर जलालखेड़ा पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार इससे पहले नागपुर जिले में फसल बर्बाद होने और कर्ज के कारण चार किसानों ने भी आत्महत्या की थी.
पुलिस ने कहा कि 11 सितंबर को ईश्वरदास नारायणदास बांगरे (52) ने कर्ज के बोझ के कारण और फसल की बर्बादी की वजह से नरखेड़ थाना क्षेत्र के लोहारा गांव में आत्महत्या कर ली. इसके साथ ही जलालखेड़ा थाना क्षेत्र के अंबाडा गांव में चार सितंबर को किसान विट्ठल उमरकर (62) ने अपने घर में पंखे से लटक कर फांसी लगा ली थी. इस किसान के पास 2.5 एकड़ जमनी थी और उसने बैंक से तीन लाख रुपये का फसल कर्ज लिया था. वहीं उसी दिन मौदा तहसील के अंतर्गत टांडा गांव में कर्ज में डूबे किसान कृष्ण सखाराम सयामा (36) ने भी आत्महत्या की थी. किसान कृष्ण सखाराम सायमा ने अपने रिश्तेदारों से पैसे लिए थे जिसे वह नहीं दे पा रहा था. इसके अलावा साउनेर तहसील के उमरी गांव निवासी अशोक नीलकंठ सरवे ने तीन सितंबर को फसल खराब होने की वजह से परेशान होकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली.