४० साल तक स्वतंत्रता सेनानी को पेंशन नहीं देने के कारण केंद्र सरकार पर अदालत ने लगाया जुर्माना

नई दिल्ली, केंद्र सरकार पर ४० साल तक एक स्वतंत्रता सेनानी को पेंशन नहीं देने के कारण अदालत ने जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाया है। असल में हाल में दिल्ली हाई कोर्ट ने यह पैâसला सुनाया था, जिसमें केंद्र पर जुर्माने की ये राशि तय की गई है। जुर्माने की यह रकम भले ही २० हजार रुपए ही है, पर ये बताती है कि केंद्र सरकार किस तरह से मनमाने तरीके से काम करती है। जुर्माने की यह राशि ९६ साल के स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल सिंह को मिलेगी। उत्तीम पिछले ४० सालों से अपनी पेंशन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तीम लाल सिंह को पेंशन देने में लापरवाही बरती है।
कानून से जुड़ी खबर देनेवाली ‘बार एंड बेंच’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट का आदेश है कि केंद्र सरकार को उत्तीम सिंह की पेंशन राशि १२ हफ्तों के अंदर देनी होगी। जस्टिस सुब्रह्मण्यम स्वामी प्रसाद ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति केंद्र सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है, वो देखना काफी दयनीय है।’ कोर्ट ने केंद्र सरकार को १९८० स्वतंत्रता सम्मान पेंशन के तहत भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही ६ फीसदी ब्याज भी देने को भी कहा है।
कोर्ट को बताया गया कि साल १९८२ में उत्तीम लाल सिंह ने पेंशन के लिए अप्लाई किया था। मार्च १९८५ में बिहार सरकार ने दस्तावेजों के साथ इस केस को केंद्र सरकार के पास भेज दिया था। बाद में पता चला कि केंद्र सरकार के पास से उनके दस्तावेज गुम हो गए। साल २००९ में पेंशन को लेकर दोबारा सिफारिश की गई। नवंबर २०१७ में केंद्र सरकार ने बताया था कि गृह मंत्रालय के पास उत्तीम सिंह के दस्तावेज नहीं हैं। इसके बाद केंद्र ने बिहार सरकार से दोबारा दस्तावेजों की मांग की। जस्टिस प्रसाद ने बताया कि बिहार सरकार ने दोबारा उत्तीम सिंह के दस्तावेजों को वेरिफाई किया। वेरिफिकेशन के बाद १४ जुलाई २०२२ को फिर केंद्र सरकार के पास लेटर भेजा गया, लेकिन इसके बावजूद उनकी पेंशन नहीं रिलीज की गई। इस मामले में उत्तीम लाल सिंह की तरफ से वकील आईसी मिश्रा और अनवर अली खान केस लड़ रहे थे।