कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-३ का काम ९८.९ फीसदी बनकर तैयार

मुंबई, कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-३ अंडर ग्राउंड मेट्रो कॉरिडोर टनल निर्माण का काम ९८.९ फीसदी बनकर तैयार हो गया है। साथ ही पूरे प्रोजेक्ट की बात करें तो मेट्रो-३ परियोजना करीब ७५ फीसदी पूरी हो गई है। ऐसे में अंडर ग्राउंड टनल में ४० फीसदी ट्रैक बिछाने का काम भी पूरा हो गया है। टनल का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने के चलते अब इस रूट पर मौजूद सड़कों पर बैरिकेड हटाने का काम भी जल्द ही शुरू होनेवाला है। इससे राहगीरों सहित वाहन चालकों को जल्द राहत मिलेगी।
एमएमआरसीएल ने अक्टूबर से सड़कों पर रखे बैरिकेड्स हटाने का निर्णय लिया है। दिसंबर २०२२ के अंत तक सभी बैरिकेड्स हटा लिए जाएंगे। गौरतलब है कि अंडर ग्राउंड मेट्रो का टनल ९८.९ फीसदी तैयार हो चुका है।
२०१६ से कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो कई अहम सड़कों के नीचे से गुजर रही है। ३३.५ किमी लंबे कॉरिडोर के लिए २६ भूमिगत स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। किंतु मुंबई की ट्रैफिक समस्या को कम करने के लिए बन रही मेट्रो की यह लाइन हजारों वाहन चालकों के लिए छह वर्षों से परेशानी का सबब बनी हुई है।
मेट्रो स्टेशन व भूमिगत मार्ग तैयार करने के लिए मुंबई शहर से लेकर उपनगर तक की सड़कों पर सैकड़ों बैरिकेड्स रखे गए हैं। मेट्रो साइट के करीब बैरिकेडिंग होने के कारण कई स्थानों पर दो से चार लेन की सड़कें सिंगल लेन में परिवर्तित हो गई हैं, जिससे बोतल नेक की परेशानी का सामना वाहन चालकों को लंबे समय से करना पड़ रहा है। मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य ७५ फीसदी पूरा हो गया है।
एमएमआरसीएल की एमडी अश्विनी भिड़े के अनुसार कॉरिडोर का सिविल वर्क अंतिम चरण के करीब पहुंच गया है। चरणबद्ध तरीके से सड़कों पर रखे बैरिकेड्स को हटाने की योजना तैयार कर ली गई है। अक्टूबर से सड़कों से बैरिकेड्स हटने शुरू हो जाएंगे। दिसंबर तक पूरे कॉरिडोर के मार्ग से सभी बैरिकेड्स को हटा लिया जाएगा। कॉरिडोर के मार्ग में बन रही अंतिम टनल तैयार करने का काम सितंबर या अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस महीने के अंत से कॉरिडोर के पहले फेस के रूट पर ट्रायल रन शुरू हो जाएगा। एमएमआरसीएल ने पहले फेस में सीप्ज से बीकेसी के बीच सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। ट्रायल रन की शुरुआत ३ किमी के रूट यानी सरीपुत नगर से मरोल नाका के बीच होगी, धीरे-धीरे ट्रायल रन के रूट में बढ़ोतरी की जाएगी। मेट्रो को ट्रैक पर दौडने के लिए सभी आठ डिब्बों को जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है, मौजूदा समय में ट्रेन में उपकरण लगाने का काम किया जा रहा है।