मुख्यमंत्री शिंदे को भीड़ जमा करने के लिए निकालना पड़ा सरकारी आदेश – अजीत पवार

मुंबई : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कल पैठण में सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था, इसके लिए आंगनवाड़ी की सेविका, पर्यवेक्षिका, सहायिका को कार्यक्रम में उपस्थित रहने का सरकारी आदेश निकाला गया था, इस आदेश को लेकर प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार कल बहुत तेज भड़के हुए थे।

विधान भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में अजीत पवार ने कहा कि हम भी सत्ता में थे, परंतु ऐसा आदेश इसके पहले कभी भी जारी नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए भीड़ जमा हो, इसके लिए सरकारी कर्मचारियों को उपस्थित रहने के लिए आदेश निकाला जाए, इससे बड़ा महाराष्ट्र का दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। ऐसी संतप्त प्रतिक्रिया अजीत पवार ने व्यक्त की।

मुख्यमंत्री की राजनीतिक सभा के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को ताक पर रखा गया है, आंगनवाड़ी सेविका, पर्यवेक्षिका और सहायिका को राजनीतिक सभा में उपस्थित रहने का आदेश निकाला गया, आंगनवाड़ी के बच्चों को छोड़कर आंगनवाड़ी की सेविका मुख्यमंत्री की सभा में हाजिरी लगाएंगी तो गांव में बच्चों का ध्यान कौन रखेगा? यह सवाल राज्य के सामने है, ऐसा अजीत पवार ने इस मौके पर कहा।

सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता आज रास्ते पर उतरकर मारपीट कर रहे हैं, विधायक पर गोलीबारी के आरोप लग रहे हैं, यह सब पुरोगामी महाराष्ट्र के लिए शर्म की बात है, ऐसा विरोधी पक्ष नेता ने कहा। जिला नियोजन की निधि के खर्च पर रोक लगा दी गई है, जब तक पालक मंत्री की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक निधि न खर्च करने का आदेश जिलाधिकारियों को दिया गया है, ऐसा अजीत पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा।