चेन पुलिंग से लोकल ट्रेनें लेट

मुंबई, पश्चिम रेलवे के मुकाबले मध्य रेलवे की लोकल सेवाएं हमेशा लेट रहती हैं। इसकी मुख्य वजह तकनीकी खराबी नहीं बल्कि चेन पुलिंग है। चेन पुलिंग के चक्कर में अधिकतर लोकल ट्रेनें रोजाना लेट होती हैं। क्योंकि मध्य रेलवे पर रोजाना औसतन १० चेन पुलिंग होती हैं।
मध्य रेलवे से प्राप्त आंकड़ों को देखें तो विगत १३ दिनों में १२२ चेन पुलिंग की घटनाएं सामने आई हैं, जो लोकल ट्रेनों के लेट-लतीफी का कारण बनी हैं। इस मामले में १०२ लोगों पर रेलवे ने मामला दर्ज कर ७१ लोगों पर मुकदमा चलाया है। रेलवे के अनुसार ट्रेनों में चेन पुलिंग का प्रावधान आपात स्थिति में ट्रेनों को रोकने के लिए किया गया है। परंतु ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफार्म पर देरी से पहुंचना, मध्य के किसी स्टेशन पर उतरना आदि कारण हैं। मध्य रेलवे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ४ जुलाई से १७ जुलाई के बीच मध्य रेलवे में चेन पुलिंग के १२२ मामले सामने आए। ये मामले लोकल और मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के हैं। इनमें से १०२ मामले दर्ज किए गए हैं और ७१ अपराधियों पर पर्याप्त या वैध कारण के बिना अलार्म चेन खींचने के लिए भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा १४१ के तहत मुकदमा चलाया गया है और ४२,६००/- रुपए की राशि जुर्माना के रूप में वसूल की गई है। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि पर्याप्त या वैध कारण के बिना अलार्म चेन खींचना, रेल अधिनियम की धारा १४१ के तहत दंडनीय अपराध है।