मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ सीबीआई करेगी जांच, मारपीट और जबरन वसूली के लगे हैं आरोप

मुंबई: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन पर मारपीट और रंगदारी मांगने के लगे आरोपों की जांच करेगा। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जलगांव स्थित एक शिक्षण न्यास के निदेशक ने मंत्री पर ये आरोप लगाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 जुलाई को महाजन के खिलाफ जांच की सिफारिश सीबीआई से की थी और दो सितंबर को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यह अनुशंसा जांच एजेंसी को भेजी।
उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के तहत सीबीआई नए सिरे से मामला दर्ज करेगी। सबसे पहले इस मामले में जलगांव पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी और पिछले साल पांच जनवरी को जांच पुणे पुलिस ने अपने हाथ में ले ली थी।
प्राथमिकी पुणे स्थानांतरित की गई क्योंकि कथित अपराध पुणे शहर में हुआ था। पुलिस ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता महाजन सहित 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। जलगांव जिला मराठा विद्या प्रसारक सहकारी समाज के निदेशक विजय पाटिल ने दिसंबर 2020 में निम्बभोर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पाटिल ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2018 में वह और उनके सहकर्मी बड़े भाई नरेंद्र पाटिल के निर्देश पर संस्थान के पूर्व सचिव तानाजी भोइटे से संस्थान के दस्तावेज प्राप्त करने पुणे गए थे। नरेंद्र पाटिल उस समय संस्थान के अध्यक्ष थे।
शिकायत के मुताबिक पुणे में एक आरोपी नीलेश भोइटे ने कथित तौर पर पाटिल से कहा कि वह, उसे संस्थान को सौंप दे क्योंकि महाजन की इसमें रुचि है। प्राथमिकी के मुताबिक उसने महाजन को वीडियो कॉल भी की, जिन्होंने पाटिल को कथित तौर पर कहा कि सभी निदेशक अपना इस्तीफा दे दे और जिम्मेदारी नीलेश भोइटे को सौंप दे।
शिकायत के मुताबिक आरोपी ने पाटिल को एक करोड़ रुपये की पेशकश की और जब उन्होंने मना किया तो कथित तौर पर उन्हें सदाशिव पेट इलाके स्थित फ्लैट में ले जाया गया जहां एक आरोपी ने कथित तौर पर सिर पर वार किया और चाकू की नोंक पर धमकी दी।
महाजन ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे ‘बदले की राजनीति’’ करार दिया है।