भाजपा कोर कमेटी की बैठक में किया गया आश्वस्त, जल्द ही बनेगी सरकार…

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच भाजपा ने कोर कमेटी की बैठक की है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर ये अहम बैठक हुई है। सागर बंगले पर चल हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में देवेंद्र फडणवीस के साथ पार्टी के प्रमुख नेताओं ने आगे की रणनीति पर चर्चा की है।

सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में आश्वस्त किया गया है कि जल्द ही सरकार बनेगी, क्योंकि एमवीए सरकार अल्पमत में आई है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी कोर कमिटी की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश पर चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी विधायकों को मुंबई में आने और बने रहने के आदेश दिए गए हैं। शिवसेना के बागी विधायक मुंबई आयेंगे तो उनकी सुरक्षा और स्वागत पर भी चर्चा हुई। इस मीटिंग में आश्वस्त किया गया कि जल्द सरकार बनेगी, क्योंकि सरकार अल्पमत में आई है।

बैठक के बाद बीजेपी नेता सुधीर मुंगटीवार ने बताया कि कोर्ट के निर्णय के बाद कि स्थिति पर चर्चा हुई है। मीटिंग में राज्य में अस्थिर स्थिति पर चर्चा हुई। मुंगटीवार ने कहा कि बीजेपी अभी भी वेट एंड वॉच की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट से समर्थन वापसी की बात कही गयी है, अभी और गुट क्या भूमिका लेते हैं, इसपर नजर रहेगी। मुंगटीवार ने कहा कि बीजेपी कोर कमेटी फिर बैठेगी करेगी।

सुधीर मुंगटीवार ने बताया कि शिवसेना बागी ग्रुप की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। शिवसेना के जो लोग एकनाथ शिंदे के साथ है उन्हें मैं बागी नहीं मानता। बीजेपी को आज की स्थिति में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में शक्ति परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं। बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे ने ट्वीट किया, “यह हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब के हिंदुत्व और (दिवंगत) धर्मवीर आनंद दिघे के आदर्शों की जीत है।”

शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की और वर्तमान में असम के गुवाहाटी में हैं। उनकी मुख्य मांग यह है कि शिवसेना महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से हट जाए, जिसमें कांग्रेस और राकांपा भी शामिल हैं।