अति प्रदूषण क्षेत्र में एंटी फॉगिंग मशीन, जनता के पैसे को बर्बाद कर रही है मनपा?

मुंबई, महानगर मुंबई में पिछले एक सप्ताह से मौसम खराब हो गया है। प्रदूषण चरम पर है और रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है। इसे रोकने के लिए मनपा पर काफी दबाव है। एक तरफ जहां मनपा ने नई गाइडलाइन जारी की है तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पीएमओ की ओर से तलब किया जा रहा है। ऐसे में आनन-फानन में मनपा ने अति प्रदूषण क्षेत्र में एंटी फॉगिंग मशीन (स्मॉग गन) दौड़ना शुरू कर दी है। हालांकि, यह मशीन प्रदूषण रोकने का स्थाई जरिया नहीं है, कई जगहों पर फेल हो चुकी एंटी फॉगिंग योजना को मनपा जान-बूझकर मुंबई में शुरू कर रही है। यह योजना एलान पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मनपा जनता के पैसे को बर्बाद कर रही है।
महानगर में प्रदूषण बढ़ने के लिए शुरू ६ हजार परियोजनाओं को लोग जिम्मेदार बता रहे हैं, लेकिन मनपा के अनुसार, जैसे जैसे ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है मुंबई शहर सहित महानगर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मनपा प्रदूषण को रोकने के लिए कई बैठकें कर हल निकालने का प्रयास कर रही है। आयुक्त इकबाल सिंह चहल की अगुवाई में बनी मनपा की टीम ने एंटी फॉगिंग मशीन दौड़ा दी है। मुंबई में वर्ली सी-फेस, हाजीअली, पेडर रोड, गिरगांव चौपाटी, नरीमन प्वाइंट, पैâशन स्ट्रीट, बधवार पार्क, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर क्षेत्र में यह मशीनें दौड़ाकर हवा में धूल कण को गिरा रहे हैं।
मनपा के अनुसार, यह मशीन से निकलनेवाले केमिकल व पानी का फुहारा वायु के भीतर पैâले धूल के कणों को दबा देगा, जिससे उसे हवा में जाने से रोका जा सकेगा। पर्यावरण विशेषज्ञ मोहन शेट्टी ने बताया कि यह कोई टिकाऊ उपाय नहीं है, यह वायु प्रदूषण को कम नहीं करती है, बस धूल को भारी बनाकर दबा देती है, लेकिन सूखने के बाद यह वायुमंडल में फिर से सक्रिय हो जाता है। यह मशीन प्रदूषण रोकने के लिए नहीं है। कई जगह यह फेल योजना साबित हुई है। बता दें कि मनपा ने प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत तमाम उपाय सुझाए गए हैं, उनमें से एक है कि सभी निर्माणस्थलों पर स्मॉग गन के उपयोग को अनिवार्य होगा। मनपा अधिकारियों ने कहा कि निजी बिल्डरों, निर्माण कार्य के ठेकेदारों को यह मशीन लगाना अनिवार्य होगा। निर्माण कार्य के चारों तरफ शेड लगाना होगा। मिट्टी ढोने वाले डंपर पर पानी के छींटे मारकर उसे ढकना होगा, आदि नियम हैं। लेकिन मनपा की इस गाइडलाइन का पालन हो रहा है या नहीं, इस पर मनपा के पास कोई जवाब नहीं है।