आरे कारशेड : सात याचिकाओं पर मंगलवार को एक साथ होगी सुनवाई

मुंबई, आरे कॉलोनी को मुंबई का हृदय माना जाता है। मुंबईकरों के हृदय पर कारशेड बनाने पर अड़ी `ईडी’ (शिंदे-फडणवीस) सरकार मुश्किल में पड़नेवाली है। आरे में कारशेड के निर्माण का कड़ा विरोध करते हुए पर्यावरणविदों ने सुप्रीम कोर्ट में सात याचिकाएं दाखिल की हैं। कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर मंगलवार को एक साथ सुनवाई करेगा। आरे में कारशेड बनाए जाने से सभी स्तरों पर जमकर विरोध जताया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर मुंबईकर सहित आंदोलनकारियों की निगाहें टिकी हुई हैं।
कुलाबा-बांद्रे-सीप्ज रूट पर चलनेवाले मेट्रो-३ के लिए आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने का विवादित पैâसला तत्कालीन फडणवीस सरकार ने लिया था लेकिन पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार ने आरे के कारशेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने का पैâसला लिया था। उसके बाद राज्य में अवैध रूप से सत्ता में आई `ईडी’ सरकार फिर से कारशेड को आरे में बनाने की जिद पर अड़ गई, जिसे लेकर पर्यावरणविदों ने विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में कुल सात याचिकाएं दायर की हैं। कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर मंगलवार को एक साथ सुनवाई करेगा।
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) द्वारा आरे में कारशेड के लिए पेड़ काटने पर कोर्ट ने पाबंदी लगाई थी। इसके बावजूद मेट्रो प्रशासन ने पेड़ों को काटना जारी रखा है। इस मुद्दे को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार अदालत में फंसनेवाली है। हालांकि आरे कारशेड के भाग्य का फैसला मंगलवार को होनेवाली सुनवाई में होगा, जिस पर सभी की निगाहें कोर्ट के निर्णय पर टिकी हैं।
पर्यावरणविदों की याचिका पर पिछले महीने ३० अगस्त को सुनवाई होनेवाली थी लेकिन उस समय सुनवाई नहीं हुई। करीब एक महीने बाद सुनवाई का मुहूर्त निकाला गया है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर सभी सात याचिकाओं पर एक साथ २७ सितंबर को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। मुंबईकरों के लिए इस मामले की सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से `तारीख पर तारीख’ मिलने से पर्यावरणविदों सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।