५० पत्नी पीड़ित-पतियों ने अपनी जिंदा पत्नियों का ही किया पिंडदान…

मुंबई, : पितृपक्ष के मौके पर बाणगंगा टैंक के किनारे कई लोगों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया। ‘वास्तव फाउंडेशन’ से जुड़े ये सभी ऐसे पत्नी पीड़ित पति हैं जो अपनी ही पत्नियों से फर्जी मामलों में उलझे हुए हैं, जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर मामला कोर्ट में लंबित है।

‘वास्तव फाउंडेशन वर्किंग कमिटी’ के अध्यक्ष डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि इन दिनों पितृपक्ष और श्राद्ध का महीना चल रहा है, जहां लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान करते हैं।

पितरों का पिंडदान इसलिए किया जाता है ताकि उनकी मोह-माया छूटे और वो आगे की यात्रा प्रारंभ कर सकें। कल करीब ५० पत्नी पीड़ित-पतियों ने अपनी जिंदा पत्नियों का ही पिंडदान किया। इन सभी लोगों ने शादी की बुरी यादों से छुटकारा पाने के लिए पूरे विधि-विधान के साथ पिंडदान किया।

इनमें से एक शख्स ने मुंडन भी कराया, तो बाकियों ने सिर्फ पूजा में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन ‘वास्तव फाउंडेशन’ की तरफ से किया गया था। फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित देशपांडे का कहना है कि ये पिंडदान इसलिए किया गया है क्योंकि ये सभी लोग अपनी पत्नियों के उत्पीड़न से परेशान थे।

इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर वो अपनी पत्नी को छोड़ चुके हैं। मगर उनकी बुरी यादें अभी भी उन्हें परेशान कर रही हैं। इन्हीं बुरी यादों से मुक्ति के लिए ये आयोजन किया गया था।