नवरात्रि पर आधी रात तक गरबा और डांडिया की मिले अनुमति – विधायक प्रकास सुर्वे

मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य प्रकाश सुर्वे ने कहा है कि “यह दो साल के अंतराल के बाद पहली नवरात्रि होगी जो भव्यता के साथ मनाई जाएगी, इसलिए आइए हम इस नवरात्रि के हर दिन आधी रात तक गरबा और डांडिया खेलें.” 20 वर्षों से शहर में सबसे बड़े नवरात्रि समारोहों में से एक का आयोजन कर रहे सुर्वे ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर राहत की मांग की, क्योंकि महाराष्ट्र में, लोगों को त्योहार के आखिरी दो दिनों में आधी रात तक गरबा और डांडिया रखने की अनुमति मिलती है.
मागाथाने के विधायक सुर्वे ने सीएम को लिखे अपने पत्र में कहा कि ” सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस साल दही हांडी और गणेशोत्सव जैसे कई त्योहारों के लिए प्रतिबंध हटा दिए हैं, क्योंकि ये दो साल के अंतराल के बाद बड़े पैमाने पर मनाए गए थे. इसलिए, मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि मुंबई और महाराष्ट्र को इस साल त्योहार के सभी दिनों में निर्धारित दो दिनों के अलावा भी मध्यरात्रि तक गरबा और डांडिया खेलने की अनुमति दें. ”
यह उल्लेख करते हुए कि गुजरात और राजस्थान सरकारों के पास नवरात्रि के लिए ऐसा कोई समय का प्रतिबंध नहीं है, उन्होंने सीएम से त्योहार के लिए अनुमति देने का आग्रह किया जो 26 सितंबर से शुरू होगा और 4 अक्टूबर तक चलेगा. बकौल मिड-डे, विधायक ने कहा, “वर्तमान में, महाराष्ट्र में एक हिंदुत्व सरकार शासन कर रही है, और नवरात्रि हिंदू समुदाय के लिए एक बड़ा त्योहार है, जैसे दही हांडी और गणपति त्योहार. राज्य और केंद्र दोनों में सरकार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर करने पर विचार करना चाहिए, जिसमें उन दिनों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है जब राज्य रात 10 बजे की समय सीमा में ढील दे सकता है.
उन्होंने कहा कि “सरकार ने ओबीसी और मराठा समुदायों को आरक्षण देने और दही हांडी के लिए प्रतिबंध हटाने जैसे मुद्दों को उठाया है. उन्हें नवरात्रि के लिए भी ऐसा ही करना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि अधिकांश मुंबईकर देर से काम करते हैं, इसलिए उन्हें रात 10 बजे की समय सीमा के साथ उत्सव का आनंद लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है. उन्होंने दावा किया कि इससे समारोह का आकर्षण खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, राज्य सरकारें ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए रात 10 बजे की समय सीमा में साल में 15 दिन तक की ढील दे सकती हैं. इन 15 दिनों में से महाराष्ट्र ने नवरात्रि के लिए केवल दो दिन आवंटित किए हैं. मीरा-भायंदर विधायक गीता जैन ने इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य कम से कम दो और दिनों में आधी रात तक गरबा और डांडिया की अनुमति दे.