जहांगीरपुरी को लेकर सियासत जारी, आज TMC और समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल दौरा करेगा

टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में चार और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में पांच नेता होंगे। इससे पहले कल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने जहांगीरपुरी क्षेत्र का दौरा किया था
नई दिल्ली : जहांगीरपुरी में बुलडोजर अभियान पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्रेक लगाने के बाद भी सियासत लगातार जारी है। आज तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी की दौरा करेगा। टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में चार और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में पांच नेता होंगे। दिल्ली पुलिस का साफ लहना है इलाके में तनाव की स्तिथि को देखते हुए किसी को भी कुशल चौक से आगे नहीं जाने दिया जयेगा। इससे पहले कल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने जहांगीरपुरी क्षेत्र का दौरा किया, हालांकि पुलिस ने उसे उस स्थान पर जाने से रोक दिया जहां एक दिन पहले ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव अजय माकन, पार्टी के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और कई अन्य नेता शामिल रहे।

जुम्मे की नमाज को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बाल तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है की जहांगीरपूरी मस्जिद में सीमित लोगों को ही नमाज अदा करने दिया जयेगा। ज्यादा भीड़ ना हो इसे देखते हुए मस्जिद के आसपास सुरक्षा घेरा बनाया गया है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने घटना स्थल पर भारी सुरक्षा बल और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरो से नजर रखी जा सके।

आपको बता दें कि कल दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके के निवासियों को राहत देने वाले एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को विवादास्पद अतिक्रमण विरोधी अभियान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी अभियान जारी रखने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस बारे में गंभीरता से विचार करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए। याचिका में दावा किया गया है कि दंगों के मुस्लिम आरोपियों के मकानों को ध्वस्त किया गया है। जस्टिस एल.नागेश्वर राव और जस्टिस बी.आर गवई की पीठ ने कहा, “अगले आदेश तक यथास्थिति बना कर रखी जाए….मामले को दो हफ्ते के बाद सूचीबद्ध किया जाए और तब तक दलीलों को पूरा किया जाए।’