कानपुर हिंसा: जिस पेट्रोल पंप ने बोतलों में भर कर दिया तेल, प्रशासन ने उसे किया सील, लाइसेंस निरस्त

Kanpur Violence: जानकारी के मुताबिक, जांच के बाद प्रशासन ने पंप की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दी हैं, ताकि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा सके. घटना से पहले वाली रात और घटना वाली सुबह (3 जून) को डिप्टी पड़ाव चौराहे के पास स्थित बीपीसीएल के रामलाल एंड संस फर्म के पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल बेचा गया था.

कानपुर: यूपी के कानपुर में हुई जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर अब नई चीजें सामने आने लगी हैं. बताया जा रहा है कि पत्थरबाजी के दौरान जिन पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया था, उसके लिए उपद्रवियों ने बोतलों में पेट्रोल भरा था. यह तेल एक लाइसेंस्ड पेट्रोल पंप से लिया गया था, जिसे अब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सील कर दिया है. साथ ही, उसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है.डिप्टी हॉल्ट चौराहे का पेट्रोल पंप पाया गया आरोपी
जानकारी के मुताबिक, जांच के बाद प्रशासन ने पंप की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दी हैं, ताकि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा सके. घटना से पहले वाली रात और घटना वाली सुबह (3 जून) को डिप्टी पड़ाव चौराहे के पास स्थित बीपीसीएल के रामलाल एंड संस फर्म के पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल बेचा गया था. जांच में इस बात की पुष्टि होने के बाद पंप पर कार्रवाई की गई है.

जिला पूर्ति अधिकारी ने दिए थे निर्देश
मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा के बाद जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि आसपास के पेट्रोल पंपों की जांच हो और पताया लगाया जाए कि हिंसा के वक्त पेट्रोल बम कहां से आए. किसी न किसी ने तो पेट्रोल खुले में बेचा ही है. इसके बाद इन्वेस्टिगेशन टीम ने आसपास के सभी सीसीटीवी खंगाले और शक सही निकला.

2-3 जून के वीडियो खंगाले गए
जांच में पाया गया कि डिप्टी हॉल्ट स्थित पेट्रोल पंप से ही उपद्रवियों को बोतल में पेट्रोल भरकर दिया गया था. इस घटना के संबंध में 2-3 जून के वीडियो निकाले गए हैं.

शुक्रवार 3 जून को 3 बजे शुरू हुई हिंसा
आपको पता होना चाहिए कि पेट्रोल पंप किसी भी स्थिति में लोगों को बोतल में तेल नहीं दे सकता है. यह पूरी तरह प्रतिबंधित है. हिंसा में इस पेट्रोल पंप की भागीदारी पाई गई है, जिसकी वजह से इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. साथ ही, कानपुर पुलिस आयुक्त ने उन पेट्रोल पंपों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है. अब सीसीटीवी फुटेज के जरिए पेट्रोल लेने वाले लोगों को पहचाना जाएगा और फिर उन्हें पकड़कर पूछताछ की जाएगी.